महत्त्वपूर्ण तथ्य
- विश्व की कम से कम आधी आबादी के पास अभी भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरी कवरेज नहीं है।
- लगभग 10 करोड़ लोगों को आज भी घोर गरीबी (एक दिन में 1.90 अमरीकी डॉलर अथवा कम पर जीवन बिताना) में धकेले जा रहे हैं क्योकि उन्हें स्वास्थ्य देखभाल के लिए भुगतान करना पड़ता है
- 80 करोड़ लोग (विश्व की लगभग 12% आबादी) घरेलु खर्च का लगभग 10% स्वास्थ्य देखभाल में खर्च करते हैं
- सभी संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश वर्ष 2030 तक वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज के उदेश्ये को पूरा करने में सहमत हुए हैं, जो कि सतत विकास लक्ष्यों के रूप में होगा
यूएचसी क्या है?
यूएचसी का अर्थ है कि सभी व्यक्तियों और समुदायों को वित्तीय कठिनाइयों से पीड़ित हुए बिना स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों। उसमें रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संवर्धन, उपचार, पुनर्वसन और पीड़ाहारक देखभाल से आवश्यक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें सम्मिलित है।
यूएचसी सभी को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करवाने में सक्षम बनाता है जो रोग और मृत्यु के सबसे महत्त्वपूर्ण कारणों से संबंधित है और यह सुनिश्चित करता है कि इन सभी सेवाओं की गुणवत्ता उन लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए पर्याप्त हो, जो इन्हें प्राप्त करते हैं।
स्वयं की जेबों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने के आर्थिक परिणामों से लोगों की सुरक्षा करना, इस ख़तरे को कम करता है कि लोग गरीबी में धकेल दिए जाएंगे, क्योंकि अनपेक्षित बीमारी के कारण उन पर जीवन की बचत उपयोग करने, संपत्तियां बेचने या कर्ज़ लेने, यहाँ तक की अपने और कभी-कभी अपने बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने की भी की नौबत आ जाती है- ।
2015 में सतत विकास लक्ष्यों को अपनाते हुए यूएचसी को प्राप्त करना दुनिया के देशो के लक्षो में से एक है| यूएचसी की ओर प्रगति करने वाले देश अन्यस्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों और अन्य लक्ष्यों की ओर भी प्रगति करेंगे। अच्छे स्वास्थ्य के कारण लोग और वयस्क भी सीख पाते हैं, लोग गरीबी से मुक्त होते हैं और उन्हें दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए आधार मिलता है।
यूएचसी में क्या शामिल नहीं है
ऐसी कई चीज़ें हैं, जो यूएचसी की परिधि में शामिल नहीं हैः
- UHC का अर्थ सभी संभावित स्वास्थ्य गतिविधियों के लिए मुफ्त कवरेज नहीं है, लागत की परवाह किए बिना, क्योंकि कोई भी देश सभी सेवायें सतत आधार पर मुफ्त प्रदान नहीं कर सकता है
- यूएचसी का अर्थ केवल स्वास्थ्य वित्तपोषण ही नहीं है। यह स्वास्थ्य प्रणाली के सभी घटकों का समावेश हैः जैसे कि स्वास्थ्य सेवा डिलिवरी प्रणाली, स्वास्थ्य कार्यबल, स्वास्थ्य सुविधा और संचार नेटवर्क, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, सूचना व्यवस्था गुणवत्ता आश्वासन तंत्र, प्रशासन तथा कानून।
- यूएचसी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के न्यूनतम पैकेज को सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की कवरेज के प्रगतिशील विस्तार और आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
- यूएचसी में न केवल व्यक्तिगत उपचार सेवाओं का समावेश है, बल्कि जनसंख़्या आधारित सेवायें भी शामिल हैं जैसे कि सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान, पानी में फ्लूराइड मिलाना, मच्छर पनपने के ज़मीन का नियंत्रण करना इत्यादि
- यूएचसी में केवल स्वास्थ्य ही शामिल नहीं है; यूएचसी की ओर कदम उठाने का अर्थ है समानता, विकास प्राथमिकताओं और सामाजिक समावेश तथा समन्वय की ओर कदम बढ़ाना है
यूएचसी की दिशा में देश कैसे प्रगति कर सकते हैं
कई देश यूएचसी की दिशा में प्रगति कर रहे हैं। सभी देश उसके ओर तेज़ी से बढ़ने के लिए कार्य करते हैं, या फ़िर पहले से ही बनाए गए लाभों की रखरखाव करते है उन देशों में जहां स्वास्थ्य सेवायें पारंपरिक रूप से प्रवेश योग्य और किफ़ायती है, वहां की आबादी की बढ़ती स्वास्थ्य आवश्यकताओं और स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागतों पर प्रतिक्रिया देने के लिए सरकारों को यह मुश्किल होता जा रहा है
यूएचसी की दिशा में बढ़ने के लिए सभी देशो में स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त करने की आवश्यकता है मजबूत वित्तपोषण संरचना महत्वपूर्ण है यदि लोगों को अपने खुद की जेब से स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च करना पड़ता है, तो गरीब अपनी आवश्यकता के अनुसार कई सेवायें प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं और यहां तक कि संपन्न व्यक्ति भी गंभीर अथवा दीर्घकालिक बीमारी के प्रसंग में आर्थिक कठिनाई की ओर अग्रसर हो सकते हैं। अनिवार्य निधि स्त्रोत (जैसे कि अनिवार्य बीमा योगदान) से निधि जमा करने से पूरी आबादी में बीमारी के वित्तीय जोखिमों को फैलाया जा सकता है
स्वास्थ्य सेवा कवरेज और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार, लोगो को गुणवत्ता पूर्ण समेकित देखभाल प्रदान करना, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुलभता, अभिगम्यता और क्षमता पर निर्भर करता है गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में निवेश सभी विश्व में यूएचसी प्राप्त करने का केंद्रबिंदु होगा। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल कार्यबल आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल में प्रवेश सुनिश्चित करने की अधिकतम व्ययप्रभावी पद्धति है, जिससे आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल में सुधार होगा। अच्छी सरकार, प्राप्ति की सबल व्यवस्थायें , औषधियां और स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी की आपूर्ति और सुस्थिति में कार्य करने की स्वास्थ्य सूचना व्यवस्थायें अन्य महत्वपूर्ण घटक होंगे।
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल क्या है?
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल व्यक्तियों, परिवार और समुदाय की आवश्यकताओं और परिस्थितियों पर केंद्रित स्वास्थ्य और कल्याण की ओर रुझान है। वह व्यापक और अंतर्संबंधित भौतिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य और कल्याण को संबोधित करती है।
यह पूरे जीवन में स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए व्यक्ति को देखभाल मुहैया कराती है, न की सिर्फ कुछ विशिष्ट रोगों से सुरक्षा प्रदान करना प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल व्यक्ति को व्यापक देखभाल सुनिश्चित करता है- प्रचार प्रसार की व्यस्थता और उपचार का निवारण, पुर्वास और प्रशामक देखभाल जितना संभव हो लोगो की रोजमर्रा के वातावरण में किया जाये
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तीन घटकों पर आधारित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की निरंतर परिभाषा का विकास किया है।
- पूरे जीवनकाल में लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं का व्यापक प्रचारक, निवारणात्मक, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वासात्मक और प्रशामक देखभाल के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है। व्यक्तियों, परिवारों और जनसँख्या के आधार पर रणनीतिक रूप से मुख्य प्रणाली के कार्यों को सभी स्तरों पर एकीकृत सेवा वितरण को केंद्रीय तत्वों के रूप में प्राथमिकता देता है
- सभी क्षेत्रों में साक्ष्ये-सूचित सामाजिक नीतियों के मध्यम से स्वास्थ्य के व्यापक निर्धारकों (सामाजिक, आर्थिक, वातावरण, लोगो की विशेषताओं और व्यवहर) को सम्बोधित करता है; और
- स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने और सुरक्षा करने वाली नीतियों की वकालत के रूप में, उनके सहभाग के माध्यम से स्वास्थ्य , सामाजिक सेवाओं के सहविकासकों के रूप में, अन्यों की स्वयं देखभाल करने वाले तथा देखभाल उपलब्ध कराने वालों के रूप में उनके स्वास्थ्य को महत्तम करने के लिए व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों का सशक्तीकरण करना।
प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पूरे विश्व में वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने के लिए सबसे कुशल और व्ययप्रभावी पद्धति है।
2030 तक सतत विकास लक्ष्यों और वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज लक्ष्यों के स्वास्थ्य कार्यबल आवश्यकताओं का सामना करने के लिए, 1करोड़ 80 लाख अतिरिक्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की आपूर्ति और मांग में अंतर निम्न तथा निम्न मध्यम आय के देशों में केंद्रित है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बढ़ती मांग को 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनुमानित 40 मिलियन स्वास्थ्य क्षेत्र की नौकरियों को जोड़ने का अनुमान लगाया गया है स्वास्थ्य कार्यकर्ता की शिक्षा में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता है, साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र और स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था में वित्त पोषित स्थानों को पूर्ण करने की भी
यूएचसी न केवल इस बात पर बल देता है कि किन सेवाओं को शामिल किया जाये, किन्तु इस बात पर भी ध्यान देता है कि कैसे उनका वित्तपोषण, प्रबंधन और डिलिवरी किया जाये सेवा डिलिवरी में मूलभूत अंतर आवश्यक है ताकि सेवाओं का समेकन और केंद्र लोगों और समुदायों की आवश्यकताओं पर हो। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए पुनः लक्ष्य केंद्रित करना शामिल है कि देखभाल सबसे योग्य परिस्थिति में दी जाए और बाहरी तथा भीतरी रोगियों की देखभाल के बीच योग्य संतुलन और देखभाल के समन्वय को सशक्त किया जाए। पारंपरिक और पूरक वैद्यकीय सेवाओं सहित स्वास्थ्य सेवाओं का नियोजन लोगों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के चारों ओर हुआ है और समुदायों की सहायता से उनके स्वास्थ्य और स्वास्थ्य प्रणाली में अधिक सक्रिय भूमिका लेने के लिए सशक्त किया जाएगा।
क्या यूएचसी का मापन किया जा सकता है?
जी हां, यूएचसी की दिशा में प्रगति के पर्यवेक्षण का लक्ष्य २ बातों पर होना चाहिएः
- जनसँख्या का वह हिस्सा जो आवश्यक गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं को हासिल कर सकता है।
- जनसंख्या का वह भाग जो घरेलू आय की अधिकतम राशि का व्यय स्वास्थ्य पर करता है।
विश्व बैंक के साथ, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दोनों वर्गों का पर्यवेक्षण कर यूएचसी की प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक ढांचे का विकास किया है, जिसमें संपूर्ण स्तर और विस्तार जिस तक यूएचसी समप्रमाण है, उसको ध्यान में रखकर, सेवा कवरेज का प्रस्ताव रखना और सभी लोगों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना, जैसे कि गरीब या वे लोग जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन 4 वर्गों में 16 आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग देशों में कवरेज के स्तर और समानता के निर्धारकों के रूप में करता है
प्रजननात्मक, मातृसत्तात्मक, नवजात और शिशु स्वास्थ्य
- परिवार नियोजन
- एंटेनेटल और डिलिवरी देखभाल
- बच्चे का पूरा टीकाकरण
- न्यूमोनिया के लिए स्वास्थ्य को सबल करने वाला व्यवहार
संक्रामक रोगः
- तपेदिक उपचार
- एचआइव्ही एंटीरेट्रोवाइरल उपचार
- हेपटाइटिस उपचार
- कीटनाशक लगाये गये मच्छरदानियों के उपयोग द्वारा मलेरिया का निवारण
- पर्याप्त स्वच्छता
गैर-संक्रामक रोग
- बढ़े हुए रक्तदबाव के निवारण और उपचार
- बढ़े हुए रक्त ग्लूकोज़ का निवारण और उपचार
- सर्विकल कर्करोग की स्क्रीनिंग
- तंबाकू ( नॉन स्मोकिंग)
सेवा की क्षमता तथा उपलब्धता
- मूलभूत अस्पताल उपलब्धता
- स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का घनत्व
- आवश्यक औषधियों की उपलब्धता
- स्वास्थ्य सुरक्षाः अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक तत्त्वों का अनुपालन
हर देश अनूठा होता है, और हर देश विभिन्न क्षेत्रों पर केंद्रित होता है, या यूएचसी की दिशा में प्रगति का मापन करने की अपनी अलग पद्धतियां विकसित करता है। लेकिनवैश्विक दृष्टिकोण में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकीकृत उपायों का उपयोग करता है जो काफी महत्वपूर्ण है ताकि वे सीमाओं और समय के साथ तुलनीय हों
विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका
यूएचसी दृढ रूप से 1948 विश्व स्वास्थ्य संगठन के संविधान पर आधारित है, जो स्वास्थ्य को एक मूलभूत मानवाधिकार के रूप में घोषित होता है और सभी के लिए उच्चतम योग्य स्वास्थ्य स्तर को सुनिश्चित करने के प्रति वचनबद्ध है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यूएचसी की ओर जाने और स्थिर रहने के लिए अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को विकसित करने में देशों को समर्थन देता है। किन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन अकेला नहीं हैः विश्व स्वास्थ्य संगठन विभिन्न परिस्थितियों में विभिन्न भागीदारों और विभिन्न उद्देश्यों के साथ कार्य करता है और पूरे विश्व में यूएचसी की ओर अग्रसर होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की कुछ भागीदारियों में शामिल हैः
- यूएचसी२०३०
- स्वास्थ्य नीति और प्रणाली संशोधन के लिए गठजोड़
- पी४एच सामाजिक स्वास्थ्य सुरक्षा संजाल
- यूएचसी के लिए यूरोपीय संघ लक्ज़मबर्ग विश्व स्वास्थ्य संगठन भागीदारी
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदर्शन पहल
25-26 अक्तूबर 2018 के दिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूनिसेफ़ और कज़ाकिस्तान स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ भागीदारी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर वैश्विक परिषद का आयोजन किया, जो अल्मा-एटा के ऐतिहासिक घोषणा के आलंबन के 40 वर्षों के बाद हुआ था। मंत्री, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, भागीदारों और नागरिक समाज ने एक साथ आकर नए शक्तिशाली अस्ताना घोषणापत्र में यूएचसी के केंद्रबिंदु के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को वापस वचनबद्धता देने के लिए आए। इस घोषणा का उद्देश्य सरकारों, गैरसरकारी संगठनों, व्यावसायिक उद्देश्यों, शिक्षाविदों और वैश्विक स्वास्थ्य और विकास संस्थाओं से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए राजनायिक वचनबद्धता का नूतनीकरण है।
सभी देश स्वास्थ्य सेवाओं की कवरेज में वृद्धि करके, स्वास्थ्य परिणामो में सुधार करके तथा भुगतान से जुड़ी खामियों को दूर करके गरीबी से निपट सकते हैं